शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

दीवाली के शुभावसर पर

दीवाली के शुभावसर पर हमारी और से हार्दिक शुभकामनाएँ |
इस अवसर पर कैथल के प्रसिद्ध हास्य कवि श्री तेजिन्द्र के क्षणिकाएँ  

चोट्टी
पत्नी की
चोट्टी गूंथते-गूंथते 
वे इस कला में 
होशियार हो गए हैं 
यानि 
चोट्टी के
कलाकार हो गए हैं |

दोस्ती
वह
कुछ  इस तरह
दोस्ती निभाता है
सिगरेट खुद पीता है
धुंआ मुझे पिलाता है |

मेजबानी
मेजबानी महंगाई में
निभाई नहीं जाती
चाय पूछी जाती है
पिलाई नहीं जाती ||
                
                     -तेजिन्द्र
     

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहोत ही सुंदर पोस्ट.............
    आपको भी दीपावली की शुभकामनाएँ

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  2. दीपावली के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें

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  3. बेहतरीन!


    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल 'समीर'

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  4. दीयों के इस पर्व दीपावली की आप को हार्दिक शुभकामनाएं
    ये दीप पर्व आपके और आपके परिजनों के जीवन को खुशियों के प्रकाश से भर कर दे

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