बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

कमाल पत्थर का

किसने देखा मलाल पत्थर का
किसने पूछा है हाल पत्थर का ।

नींव का दर्द कोई क्या जाने
सबने देखा जमाल पत्थर का ।

कोई हलचल नही हुई अबके
दिन थे पत्थर के साल पत्थर का ।

गर्मजोशी से कोई क्या मिलता
दिल में था हर ख़्याल पत्थर का ।

इक किला है पुरानी दिल्ली में
वो किला भी है लाल पत्थर का ।

ताज में भी तो संगमरमर है
है वहाँ भी कमाल पत्थर का ।
                   - गुलशन मदान