मेरी दुनिया से चला गया कोई
जख्म दिल पे बना गया कोई |
नींद उड़ गई चैन जाता रहा
हाले-दिल ऐसा बना गया कोई |
मैं बेबस ,वह भी मजबूर है
दोनों को लाचार बना गया कोई |
इश्क क़ुर्बानी पे आ पहुंचा
कैसी ये पट्टी पढ़ा गया कोई |
क्या किसी से शिकवा करूँ
लाइलाज रोग लगा गया कोई ||
-ललित कुमार "दिलकश"
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