शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

मां शारदे नमन तुझे

साहित्य सभा कैथल साहित्य संसार में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है मां शारदा की अनुकंपा से आज हम ''साहित्य सभा कैथल'' का यह ब्लाग शुरु कर रहे हैं जिसका एकमात्र उद्देश्य साहित्य की सेवा के साथ सामाजिक दायित्त्वों का कलम से निर्वाह करना रहेगा बहुत सारी बातें होगीं,अपना परिचय भी आपको देंगे तथा इस साहित्य सभा रुपी परिवार के सदस्यों से भी आपको मिलवायेंगें पर , आज तो मां शारदे को नमन के साथ बात समाप्त करते हैं :-
हे मात तुम्हारी अनुकंपा
हम पर की जो इतनी कृपा
भूले-भटके हम बाल तेरे
करना मार्ग प्रशस्त सदा॥

2 टिप्‍पणियां: