साहित्य सभा कैथल साहित्य संसार में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है । मां शारदा की अनुकंपा से आज हम ''साहित्य सभा कैथल'' का यह ब्लाग शुरु कर रहे हैं । जिसका एकमात्र उद्देश्य साहित्य की सेवा के साथ सामाजिक दायित्त्वों का कलम से निर्वाह करना रहेगा । बहुत सारी बातें होगीं,अपना परिचय भी आपको देंगे तथा इस साहित्य सभा रुपी परिवार के सदस्यों से भी आपको मिलवायेंगें । पर , आज तो मां शारदे को नमन के साथ बात समाप्त करते हैं :-
हे मात तुम्हारी अनुकंपा
हम पर की जो इतनी कृपा
भूले-भटके हम बाल तेरे
करना मार्ग प्रशस्त सदा॥
हम पर की जो इतनी कृपा
भूले-भटके हम बाल तेरे
करना मार्ग प्रशस्त सदा॥
What an idea sir ji
जवाब देंहटाएंDER SE AAYE PAR DURUST AAYE.
आपका स्वागत है। निरन्तर लिखें, अच्छा लिखें, खूब लिखें।
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