सोमवार, 24 मई 2010

ऐतबार की बातें

रंग, खुशबू, बहार की बातें
कीजिए कुछ तो प्यार की बातें ।

उम्र काटी है बेकरारी में
अब तो कीजे करार की बातें ।

आ भी जाओ कि हो चुकी है बहुत
आपके इन्तज़ार की बातें ।

झूठी बातों से दिल नहीं लगता
कुछ करो ऐतबार की बातें ।

बज़्म में देर तक हुई कल तो
हुस्न की और प्यार की बातें ।

ज़िक्रे-‘गुलशन’ हुआ तो होंगी ही
फूल के साथ ख़ार की बातें ।

         -गुलशन मदान

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