रंग, खुशबू, बहार की बातें
कीजिए कुछ तो प्यार की बातें ।
उम्र काटी है बेकरारी में
अब तो कीजे करार की बातें ।
आ भी जाओ कि हो चुकी है बहुत
आपके इन्तज़ार की बातें ।
झूठी बातों से दिल नहीं लगता
कुछ करो ऐतबार की बातें ।
बज़्म में देर तक हुई कल तो
हुस्न की और प्यार की बातें ।
ज़िक्रे-‘गुलशन’ हुआ तो होंगी ही
फूल के साथ ख़ार की बातें ।
-गुलशन मदान
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