ख़त लिक्खा खुशखत के साथ,
खैर, दुआ, चाहत के साथ ।
परदेसी प्रियतम के नाम
लिखती हूं शिद्दत के साथ ।
कोई अच्छी खबर नहीं है
तुम पढ़ना हिम्मत के साथ ।
माँ की हालत भी पतली है,
बापू की हालत के साथ ।
देवर धुत्त पड़ा रहता है,
जाएगा इस लत के साथ ।
डिग्री तो लाया है बड़का
पढ़ लिख कर मेहनत के साथ ।
लेकिन अब मिलती हैं सबको
नौकरियाँ रिश्वत के साथ ।
छुटका अब रहता है हरदम,
आवारा दलपत के साथ ।
लाखों ऐब चले आते हैं,
एक बुरी आदत के साथ ।
उसको तो खाना-पीना है,
रोज़ बुरी संगत के साथ ।
मुनिया फस्ट रही बस्ती में,
अट्ठासी प्रतिशत के साथ ।
सोचूं इसकी शादी कर दूँ,
लड़का देख बखत के साथ ।
गली गली में खड़े लफंगे,
देखें बदनीयत के साथ ।
कमला जैसे पगली हो गई,
लगती हर हरकत के साथ ।
काली माँ का भूत था अन्दर,
उतरा जो मन्नत के साथ ।
गंगाराम ने ब्याह दी बेटी,
बूढ़े बदसूरत के साथ ।
रधिया कल कुएँ में कूदी
लुटी हुई इज़्ज़त के साथ ।
बुधवा का सच कौन सुनेगा,
हर मुखबर ताकत के साथ ।
आज इलैक्शन जीत गया फिर
दुर्जन सिंह बहुमत के साथ ।
काले की बहु भाग गयी है,
उस गोरे सम्पत के साथ ।
दयानन्द अब भी लड़ता है,
मस्जिद के शौकत के साथ ।
हैं गठबन्धन की सरकारें,
थोड़े से जनमत के साथ ।
अब तो बस ये क्रिकेट वाले,
धन लूटें शौहरत के साथ ।
घर में मनीआर्डर नहीं आया,
कब तक इस गुरबत के साथ ।
चंद दरारें दीवारों में,
मुँह खोले हैं छत के साथ ।
घर की नीलामी का नोटिस
आया है मुहलत के साथ ।
अब के फसल बहा गयी बारिश,
कौन लड़े कुदरत के साथ ।
घर में लाख झमेले और मैं,
लड़ती हर आफत के साथ ।
हाल पूछने कौन आएगा,
सब रिश्ते दौलत के साथ ।
आवभगत भी न कर पायी,
भाई का शरबत के साथ ।
कैसी हालत है मत पूछो,
ज़िंदा हूँ ज़िल्लत के साथ ।
बिजली, दूध किराने का बिल,
भेज रही हूँ खत के साथ ।
मैं तो मन्दिर में लड़ आई,
पत्थर की मूरत के साथ ।
मर्द गया परदेस न जाने
क्या बीती औरत के साथ ।
तुम मत लापरवाही करना
अपनी इस सेहत के साथ ।
खर्च गुज़ारा कर ही लूंगी
मैं ज्यादा बरकत के साथ ।
अब तो वापिस आ भी जाओ,
रोटी है किस्मत के साथ ।
खैर, दुआ, चाहत के साथ ।
परदेसी प्रियतम के नाम
लिखती हूं शिद्दत के साथ ।
कोई अच्छी खबर नहीं है
तुम पढ़ना हिम्मत के साथ ।
माँ की हालत भी पतली है,
बापू की हालत के साथ ।
देवर धुत्त पड़ा रहता है,
जाएगा इस लत के साथ ।
डिग्री तो लाया है बड़का
पढ़ लिख कर मेहनत के साथ ।
लेकिन अब मिलती हैं सबको
नौकरियाँ रिश्वत के साथ ।
छुटका अब रहता है हरदम,
आवारा दलपत के साथ ।
लाखों ऐब चले आते हैं,
एक बुरी आदत के साथ ।
उसको तो खाना-पीना है,
रोज़ बुरी संगत के साथ ।
मुनिया फस्ट रही बस्ती में,
अट्ठासी प्रतिशत के साथ ।
सोचूं इसकी शादी कर दूँ,
लड़का देख बखत के साथ ।
गली गली में खड़े लफंगे,
देखें बदनीयत के साथ ।
कमला जैसे पगली हो गई,
लगती हर हरकत के साथ ।
काली माँ का भूत था अन्दर,
उतरा जो मन्नत के साथ ।
गंगाराम ने ब्याह दी बेटी,
बूढ़े बदसूरत के साथ ।
रधिया कल कुएँ में कूदी
लुटी हुई इज़्ज़त के साथ ।
बुधवा का सच कौन सुनेगा,
हर मुखबर ताकत के साथ ।
आज इलैक्शन जीत गया फिर
दुर्जन सिंह बहुमत के साथ ।
काले की बहु भाग गयी है,
उस गोरे सम्पत के साथ ।
दयानन्द अब भी लड़ता है,
मस्जिद के शौकत के साथ ।
हैं गठबन्धन की सरकारें,
थोड़े से जनमत के साथ ।
अब तो बस ये क्रिकेट वाले,
धन लूटें शौहरत के साथ ।
घर में मनीआर्डर नहीं आया,
कब तक इस गुरबत के साथ ।
चंद दरारें दीवारों में,
मुँह खोले हैं छत के साथ ।
घर की नीलामी का नोटिस
आया है मुहलत के साथ ।
अब के फसल बहा गयी बारिश,
कौन लड़े कुदरत के साथ ।
घर में लाख झमेले और मैं,
लड़ती हर आफत के साथ ।
हाल पूछने कौन आएगा,
सब रिश्ते दौलत के साथ ।
आवभगत भी न कर पायी,
भाई का शरबत के साथ ।
कैसी हालत है मत पूछो,
ज़िंदा हूँ ज़िल्लत के साथ ।
बिजली, दूध किराने का बिल,
भेज रही हूँ खत के साथ ।
मैं तो मन्दिर में लड़ आई,
पत्थर की मूरत के साथ ।
मर्द गया परदेस न जाने
क्या बीती औरत के साथ ।
तुम मत लापरवाही करना
अपनी इस सेहत के साथ ।
खर्च गुज़ारा कर ही लूंगी
मैं ज्यादा बरकत के साथ ।
अब तो वापिस आ भी जाओ,
रोटी है किस्मत के साथ ।
ATI-UTTAM SIR JI.
जवाब देंहटाएंaapka sneh hai....
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