इस अवसर पर कैथल के प्रसिद्ध हास्य कवि श्री तेजिन्द्र के क्षणिकाएँ
चोट्टी
पत्नी की
चोट्टी गूंथते-गूंथते
वे इस कला में
होशियार हो गए हैं
यानि
चोट्टी के
कलाकार हो गए हैं |
दोस्ती
वह
कुछ इस तरह
दोस्ती निभाता है
सिगरेट खुद पीता है
धुंआ मुझे पिलाता है |
मेजबानी
मेजबानी महंगाई में
निभाई नहीं जाती
चाय पूछी जाती है
पिलाई नहीं जाती ||
-तेजिन्द्र
बहोत ही सुंदर पोस्ट.............
जवाब देंहटाएंआपको भी दीपावली की शुभकामनाएँ
दीपावली के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
दीयों के इस पर्व दीपावली की आप को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंये दीप पर्व आपके और आपके परिजनों के जीवन को खुशियों के प्रकाश से भर कर दे
bahut badiya..
जवाब देंहटाएंPlease Visit My Blog..
Lyrics Mantra