रविवार, 6 जून 2010

बना गया कोई

मेरी दुनिया से चला गया कोई
जख्म दिल पे बना गया कोई |

नींद उड़ गई चैन जाता रहा 
हाले-दिल ऐसा बना गया कोई |

मैं बेबस ,वह भी मजबूर है 
दोनों को लाचार बना गया कोई | 

इश्क क़ुर्बानी पे आ पहुंचा 
कैसी ये पट्टी पढ़ा गया कोई |

क्या किसी से शिकवा करूँ 
लाइलाज रोग लगा गया कोई ||
    
             -ललित कुमार "दिलकश"  

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